एक दिन मेरे सफ़र में,
एक अनजान डगर में,
हुई वो हसीन मुलाक़ात ,
अनकही अनसुनी सी बात,
और एक अजब सा सुकून दे गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
कोई आवाज़ नहीं,
कोई आहट भी नहीं..
बस अनकहे जज़्बात थे,
आँखों में चमक थी
मन में कसक थी,
महकती हुई एक खनक थी ..
कई खूबसूरत पल दे गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
कुछ कहना चाहते थे हम ,
कुछ जताना चाहते थे हम,
एक ख्वाब था की वो अफ़साने कर दें बयान ..
दिल से सुना दूँ वो दिल की दास्ताँ..
पर जाने कैसे हर ख्वाब को हकीक़त बना गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
सिर्फ एहसास था वो, महसूस कर रहे थे हम ,
एक सागर था वो, बहते जा रहे थे हम..
बहुत रंगीन थी वो शाम ,
उस सफ़र के हमसफ़र के नाम ,
चुपके से एक पैघाम ..
पहुँचा गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
मुस्कराहट सी खिली थी पलकों पे हमारी,
जाने क्यूँ झुकी सी थी नज़रें वो हमारी..
उसकी मुस्कान से लबों पे छाई थी हसी,
बस उस एक हसी से संवर गयी थी ज़िन्दगी हमारी,
हमें महका गयी, चेह्का गयी, बहका गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
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एक अनजान डगर में,
हुई वो हसीन मुलाक़ात ,
अनकही अनसुनी सी बात,
और एक अजब सा सुकून दे गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
कोई आवाज़ नहीं,
कोई आहट भी नहीं..
बस अनकहे जज़्बात थे,
आँखों में चमक थी
मन में कसक थी,
महकती हुई एक खनक थी ..
कई खूबसूरत पल दे गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
कुछ कहना चाहते थे हम ,
कुछ जताना चाहते थे हम,
एक ख्वाब था की वो अफ़साने कर दें बयान ..
दिल से सुना दूँ वो दिल की दास्ताँ..
पर जाने कैसे हर ख्वाब को हकीक़त बना गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
सिर्फ एहसास था वो, महसूस कर रहे थे हम ,
एक सागर था वो, बहते जा रहे थे हम..
बहुत रंगीन थी वो शाम ,
उस सफ़र के हमसफ़र के नाम ,
चुपके से एक पैघाम ..
पहुँचा गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
मुस्कराहट सी खिली थी पलकों पे हमारी,
जाने क्यूँ झुकी सी थी नज़रें वो हमारी..
उसकी मुस्कान से लबों पे छाई थी हसी,
बस उस एक हसी से संवर गयी थी ज़िन्दगी हमारी,
हमें महका गयी, चेह्का गयी, बहका गयी वो ख़ामोशी,
खामोश रह के एक ख़ुशी दे गयी वो ख़ामोशी..
10 comments:
nice yaar silence speaks volmes.
Khamoshi pe research :D
amazing... superb..... awesome.....
Intense stuff...
Keep writing
@ Shashank
har baat me research marni zaruri nai hoti... ye metro me likha tha in 45 minutes... :D
@ deepak
thanks alot for such a great comment whoever u are..... keed reading....
@ booba
thanks...... glad that u liked it.... nice to see ur comment:) keep readin
simply amazing sweetheart..... u rock....
waise inspiration kya hai iski ???
Waah waah ....................
@ anonymous
yar kaun hai tu,,,,,,, anonymously ye comment karne ki kya zarurat thi
@snehil
finally a comment by you.. thanks alot
its "incredibly beautifull and beautifully incredible...wat can i say more..tooooooooo gooooood..!!
........what word should i use ? no words .....'awesome' is somewhat like a single drop of water..whole ocean is left to say..
@ InSoMnIaC and Love TJ
not getting words to thank you for the wonderful comments :)
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